हिन्दुस्तान का एक बड़ा हिस्सा आज भी गांवों में रहता है,
लेकिन आज की कॉरपोरेट दुनिया, गांवों के रोजगार को मानो जैसे खा गई हो
लोग अपने परिवार की जरूरतों को पूरा करने के लिए शहरों को तरफ भागे जा रहे है,
इन्हीं रोजमर्रा की चीजों ने गांवों को, शहर जाने को मजबूर कर दिया है,
शहर जाने बाली रेलगाड़ियां लोगो से ठसा ठस्स भरी हुई दिखाई देती है।
लेकिन जब आज शहरों में #महामारी, पर्यावरण प्रदूषण, तरह - तरह बीमारियां फैल रही है.... ऐसी परिस्थितियों में लोगो को गांव याद आने लगता है क्योंकि
इस दौर में भी गांव में जीवन और खुशहाली कायम है
गांवो की खुशबू ही अलग होती है...जिसकी महक से पशु, जनलोक और गलियों में एक अलग ही माहौल रहता है...
Sonu Ghunawat
लेकिन आज की कॉरपोरेट दुनिया, गांवों के रोजगार को मानो जैसे खा गई हो
लोग अपने परिवार की जरूरतों को पूरा करने के लिए शहरों को तरफ भागे जा रहे है,
इन्हीं रोजमर्रा की चीजों ने गांवों को, शहर जाने को मजबूर कर दिया है,
शहर जाने बाली रेलगाड़ियां लोगो से ठसा ठस्स भरी हुई दिखाई देती है।
लेकिन जब आज शहरों में #महामारी, पर्यावरण प्रदूषण, तरह - तरह बीमारियां फैल रही है.... ऐसी परिस्थितियों में लोगो को गांव याद आने लगता है क्योंकि
इस दौर में भी गांव में जीवन और खुशहाली कायम है
गांवो की खुशबू ही अलग होती है...जिसकी महक से पशु, जनलोक और गलियों में एक अलग ही माहौल रहता है...
Sonu Ghunawat
Piloda is nice village
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